NMC ने सिम्स मेडिकल कॉलेज की 30 एमबीबीएस सीटों की मान्यता रद्द की

NMC ने सिम्स मेडिकल कॉलेज की 30 एमबीबीएस सीटों की मान्यता रद्द की

बिलासपुर । नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने बिलासपुर के शासकीय सिम्स मेडिकल कॉलेज की 30 एमबीबीएस सीटों की मान्यता रद्द कर दी है। यह निर्णय विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी और तय मापदंडों के अनुसार इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित न करने के कारण लिया गया है। अब मौजूदा शैक्षणिक सत्र 2024-25 में 180 की बजाय केवल 150 सीटों पर […]

बिलासपुर । नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने बिलासपुर के शासकीय सिम्स मेडिकल कॉलेज की 30 एमबीबीएस सीटों की मान्यता रद्द कर दी है। यह निर्णय विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी और तय मापदंडों के अनुसार इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित न करने के कारण लिया गया है। अब मौजूदा शैक्षणिक सत्र 2024-25 में 180 की बजाय केवल 150 सीटों पर ही छात्रों का एडमिशन होगा।

NMC की टीम ने पहले ही सिम्स प्रबंधन को विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती और आधारभूत संरचना में सुधार के निर्देश दिए थे, लेकिन इन निर्देशों को गंभीरता से नहीं लिया गया। इसके परिणामस्वरूप, एनएमसी ने 30 सीटों की मान्यता रद्द कर दी है, जिसका सीधा प्रभाव छात्रों पर पड़ेगा।

अब क्या होगा?
एनएमसी के इस फैसले के बाद शैक्षणिक सत्र 2024-25 में सिम्स में 150 सीटों पर ही एमबीबीएस की पढ़ाई होगी, जिसमें 10 प्रतिशत सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के छात्रों के लिए आरक्षित होंगी। पहले 180 सीटों पर एमबीबीएस की पढ़ाई होती थी, जिसमें 150 सीटें केंद्रीय और राज्य कोटे के लिए और 30 सीटें EWS के लिए थीं।

क्या करना होगा?
सिम्स मेडिकल कॉलेज को अपनी 30 खोई हुई सीटें वापस पाने के लिए एनएमसी के मापदंडों के अनुसार चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ की भर्ती करनी होगी। साथ ही, आधारभूत संरचना में सुधार और फैकल्टी की कमी को भी दूर करना होगा।

190 पदों पर भर्ती की आवश्यकता
सिम्स में स्टाफ के 399 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से 190 पद अब तक खाली हैं। इनमें संचालक, प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक, और जूनियर रेसीडेंट के पद शामिल हैं। वर्तमान में, सिम्स में केवल 217 कर्मचारी कार्यरत हैं। इन कमियों के बावजूद एमबीबीएस की पढ़ाई जारी है, जिससे सिम्स में शिक्षा के स्तर पर प्रश्नचिन्ह खड़ा होता है।

2017 में भी हुई थी कार्रवाई
2017 में भी इसी तरह की खामियों के कारण सिम्स की 50 एमबीबीएस सीटों की मान्यता रद्द कर दी गई थी, जिसके बाद सिम्स में केवल 100 सीटों पर ही पढ़ाई हो रही थी। दो साल की कड़ी मेहनत और सुधार के बाद सिम्स को अपनी पुरानी 150 सीटों की मान्यता वापस मिली थी। अब एक बार फिर सिम्स प्रबंधन को अपने इंफ्रास्ट्रक्चर और स्टाफ की स्थिति में सुधार करने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा।

Join Khaskhabar WhatsApp Group

About The Author

Latest News