बंद नहीं होंगीं छत्तीसगढ़-ओडिशा के बीच बसें, आपरेटरों के बीच हुआ समझौता

रायपुर । छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ और ओडिशा के बस आपरेटरों में पिछले तीन-चार महीने से चल रहे विवाद का शनिवार को दोपहर समझौते के साथ पटाक्षेप हो गया है। छत्तीसगढ़ के बस आपरेटरों ने ऐलान कर दिया था कि अगर 8 जून को रायपुर में होने वाली बैठक में ओडिशा के बस आपरेटर्स का रुख सकारात्म […]

रायपुर । छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ और ओडिशा के बस आपरेटरों में पिछले तीन-चार महीने से चल रहे विवाद का शनिवार को दोपहर समझौते के साथ पटाक्षेप हो गया है। छत्तीसगढ़ के बस आपरेटरों ने ऐलान कर दिया था कि अगर 8 जून को रायपुर में होने वाली बैठक में ओडिशा के बस आपरेटर्स का रुख सकारात्म नहीं रहा तो फिर 11 जून से छत्तीसगढ़ के आपरेटर पूरी सीमा पर तैनात हो जाएंगे और ओडिशा से आने वाली किसी भी बस को यहां घुसने नहीं दिया जाएगा। इस चेतावनी से दोनों राज्यों के बीच रोजाना 10 हजार से ज्यादा यात्रियों के लिए परेशानी हो सकती थी, जो टल गई है।

छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सैय्यद अनवर अली ने बताया कि शनिवार को दोनों राज्यों के बस आपरेटर्स की बैठक राजधानी के एक होटल में लगभग दो घंटे चलकर दोपहर 2 बजे खत्म हुई। इस बैठक में छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के अध्यक्ष प्रमोद दुबे और विधिक सलाहकार शिवेश सिंह भी उपस्थित थे। अलग-अलग मुद्दों पर दो घंटे चले मंथन के बाद दोनों पक्षों में समझौता हो गया। यह तय किया गया कि शासन से जिस भी तरह का परमिट जारी किया जाएगा, बसें उसी के अनुरूप चलने दी जाएंगी और बस आपरेटर इसमें किसी भी तरह का व्यवधान पैदा नहीं करेंगे। लिखित समझौते के बाद छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के पदाधिकारियों ने ओड़िशा से आए बस आपरेटरों तथा वहां के संघ पदाधिकारियों का सम्मान भी किया।

शिकायत पर कार्रवाई होगी : परिवहन विभाग
इस समझौते की सूचना के बाद छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि दोनों राज्यों के आपरेटरों के बीच विवाद का स्थायी हल निकाला जा रहा है, लेकिन राज्य का परिवहन विभाग यहां के आपरेटरों के साथ है। समझौता हो गया तो यह अच्छी बात है, लेकिन अगर भविष्य में बसों के खिलाफ शिकायतें आएंगी तो परिवहन विभाग नियमानुसार कार्रवाई जारी रखेगा।

दोनों राज्यों से छत्तीसगढ़ और ओडिशा के आपरेटरों को बसों को परमिट जारी किए गए हैं। इन परमिट के आधार पर ओडिशा की बसें यहां बेरोकटोक आना-जाना कर रही थीं, लेकिन यहां की बसों को ओडिशा में रोका जा रहा था। इससे विवाद इतना गहरा गया था कि आपरेटरों ने वहां की बसों को रोकने की चेतावनी दे दी थी, परिवहन विभाग ने भी चालान शुरू कर दिए थे।

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