धान के बदले कम पानी की उपयोग वाली फसलों को बढ़ावा देने की जरूरत

राजनांदगांव । छोटे-छोटे कदमों से एक बड़े परिवर्तन का आगाज होता है। जल संरक्षण की दिशा में जिला प्रशासन की ओर से मिशन जल रक्षा अंतर्गत कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। भीषण गर्मी, बढ़ते हुए तापमान, ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव के कारण भू-जल का स्तर तेजी से घटने लगा है। राजनांदगांव जिले में सेंट्रल ग्राउंड […]

राजनांदगांव । छोटे-छोटे कदमों से एक बड़े परिवर्तन का आगाज होता है। जल संरक्षण की दिशा में जिला प्रशासन की ओर से मिशन जल रक्षा अंतर्गत कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। भीषण गर्मी, बढ़ते हुए तापमान, ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव के कारण भू-जल का स्तर तेजी से घटने लगा है। राजनांदगांव जिले में सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड की रिपोर्ट अनुसार 3 ब्लॉक राजनांदगांव, डोंगरगांव एवं डोंगरगढ़ अपने जल स्तर के परसेमी क्रिटीकल जोन अर्थात् गंभीरता के स्तर में आ चुके हैं।

जिले के 85 प्रतिशत भू-जल का उपयोग अभी तक सिंचाई के लिए किया जा चुका है। जल का इतना अधिक दोहन भविष्य के लिए जल संकट की एक दस्तक है। समय रहते इसका समाधान नहीं किया गया तो इसके दुष्परिणाम जल संकट के रूप में सामने आएगा। व्यक्तियों को आमंत्रित कर एग्रीकल्चर मीट का आयोजन किया गया। जिसमें राजनांदगांव, मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी एवं खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई तीनों ही जिले के लोग सम्मिलित हुये। कार्यक्रम अंतर्गत कृषि विभाग एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा धान के बदले अन्य फसलों एवं उद्यानिकी उत्पाद के संबंध में जानकारी प्रदान की गई। किसानों को धान एवं अन्य फसलों में होने वाले व्यय, मेहनत एवं आय के संबंध में विस्तृत चर्चा करते हुये कृषि उत्पाद से संबंधित उद्योगपतियों से सीधे संपर्क हेतु अवसर प्रदान किये गये। जिसके तहत बड़े किसान समूह अपने उत्पाद को सीधे उद्योगों तक अच्छे दर पर बेचने के लिये सक्षम हो सके। जिले के प्रत्येक ग्राम पंचायत में कृषि विभाग, पंचायत विभाग, उद्यानिकी विभाग के संयुक्त प्रयासों के रूप में जल संरक्षण स्वच्छता एवं फसल संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत में कार्यक्रम का आयोजन कर ग्राम के समस्त नागरिकों, किसानों, महिलाओं एवं युवाओं को घटते जल स्तर, फसल चक्र में परिवर्तन, अन्य फसलों से होने वाले लाभ तथा मिशन जल रक्षा की सम्पूर्ण जानकारी एवं कार्ययोजना का विवरण प्रदान करते हुये ग्रामीणों से सुझाव प्राप्त कर अपने कार्ययोजना के नक्शे को अंतिम रूप प्रदान किया जा रहा है। जिसके पश्चात जिले अंतर्गत जल्द ही वृहद स्तर पर वृक्षारोपण की कार्ययोजना तैयार करते हुये ब्लॉक वृक्षारोपण, नदी तट वृक्षारोपण, सड़क किनारे वृक्षारोपण, क्लोस्ड कैम्पस शासकीय भवनों में वृक्षारोपण की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही साथ समस्त निजी स्कूलों, कॉलेजो, उद्योगों एवं कॉलोनियों आदि से अधिक से अधिक वृक्षारोपण हेतु अपील करते हुये जिला राजनांदगांव में भू-जल स्तर सुधार हेतु मिशन जल रक्षा अंतर्गत प्रयासरत है।

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