उधार के भवन से भी बेदखल हुआ महाविद्यालय
नवीन महाविद्यालय बांकीमोंगरा का मामला
लगभग पांच वर्ष पूर्व बांकीमोंगरा क्षेत्र में उच्च शिक्षा का संचालन करने के उद्देश्य से महाविद्यालय खोलने की घोषणा की गई थी लेकिन संसाधन उपलब्ध नहीें होने की वजह से महाविद्यालय की शुरूआत एक पुराने स्कूल भवन में किया जा रहा था, लेकिन अब विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है, क्योंकि यहां पर वर्तमान में संचालित स्वामी आत्मानंद स्कूल भवन भी जर्जर हो गया है, ऐसे में इस स्कूल का संचालन उधार के भवन में चल रहे महाविद्यालय में होगा।
आत्मानंद विद्यालय का होगा संचालन
कोरबा।
लगभग पांच वर्ष पूर्व बांकीमोंगरा क्षेत्र में उच्च शिक्षा का संचालन करने के उद्देश्य से महाविद्यालय खोलने की घोषणा की गई थी लेकिन संसाधन उपलब्ध नहीें होने की वजह से महाविद्यालय की शुरूआत एक पुराने स्कूल भवन में किया जा रहा था, लेकिन अब विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है, क्योंकि यहां पर वर्तमान में संचालित स्वामी आत्मानंद स्कूल भवन भी जर्जर हो गया है, ऐसे में इस स्कूल का संचालन उधार के भवन में चल रहे महाविद्यालय में होगा। इसके लिए बकायदा स्वामी आत्मानंद विद्यालय के प्राचार्य ने ताला जड़कर कब्जा जमा लिया है। अब इस स्थिति में महाविद्यालय प्रबंधन बेदखल हो गया है। खासबात यह है कि यहां अध्ययनरत विद्यार्थियों का भविष्य भी अधर में लटका नजर आ रहा है। इस समस्या से निजात पाने उच्च शिक्षा विभाग व कलेक्टर को महाविद्यालय प्रबंधन ने पत्र लिखकर अवगत करा दिया है।
बांकीमोंगरा क्षेत्र में शासन ने महाविद्यालय संचालन की घोषणा तो वाहवाही लूटने के लिए कर दिया लेकिन पांच वर्ष के बाद भी संसाधन उपलब्ध नहीं कराया गया है। सबसे महत्वपूर्ण महाविद्यालय के लिए भवन का निर्माण प्रारंभ होना तो दूर इसका प्राक्कलन भी तैयार नहीं हुआ है। अभी तक उधार के भवन में इसका संचालन हो रहा था। लेकिन यहां से भी बेदखल कर दिया गया है। इसे लेकर महाविद्यालय के प्राचार्य ने पत्र लिखा है कि महाविद्यालय का संचालन उच्च शिक्षा संचालनालय के आदेश के द्वारा 2020-21 से किया जा रहा है।
कॉलेज में बीए, बीएससी(बायो/गणित) और बीकॉम के छात्र हैं। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मोंगरा जिसे अब स्वामी आत्मानंद व पीएमश्री विद्यालय में परिवर्तित किया गया है। वहां प्रथम पाली में महाविद्यालय संचालित हो रहा था जहां निर्मित भवन के कमरे तो जर्जर और बरसात के कारण छत का प्लास्टर गिरने से विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को उन कक्षाओं में बैठाया जाने लगा है। जिन्हें महाविद्यालय के संचालन के लिए दिए गए थे। स्कूल के प्राचार्य द्वारा महाविद्यालय को प्रदाय किए गए कमरे में स्कूल की कक्षाएं संचालित करवाई जा रही हैं। जिससे महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं, सहायक प्राध्यापक के लिए कमरा उपलब्ध ही नहीं है। जबकि महाविद्यालय के संचालन के लिए 12 कमरों की न्यूनतम आवश्यकता है।

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महाविद्यालय पर संकट के बादल
उच्च शिक्षा विभाग वर्तमान में स्वयं सीएम विष्णु देव साय के पास है। अक्सर उच्च शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठते हैं। प्रशासनिक कसावट और नियमित कार्यों को भी पूरा नहीं किया जाता। धरातल पर बेहद लापरवाही पूर्वक कार्य किया जाता है। मौजूदा मामले में स्कूल शिक्षा विभाग के प्राचार्य ने हठधर्मिता दिखाते हुए स्कूल के कमरों में ताला जड़ दिया है। कॉलेज के प्राचार्य शिकायती पत्र कलेक्टर और आयुक्त को लिख रहे हैं।
संचालन में हो रही परेशानी
नवीन महाविद्यालय बांकीमोंगरा के प्रभारी प्राचार्य भुवनेश्वर सिंह कंवर ने बताया कि शासन के आदेश से उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मोंगरा में कॉलेज को संचालित करने की अनुमति मिली थी। लेकिन इस वर्ष स्कूल के प्राचार्य डिंडोरे ने कॉलेज को आवंटित कमरे में स्कूल के छात्रों को बैठाना शुरू कर दिया है। स्कूल में कुछ कमरे जर्जर हैं। जिसके कारण स्कूल के प्राचार्य ने हमसे कहा है कि मैने केवल 2 साल के लिए कमरा कॉलेज को दिया था। अब इन कमरों में स्कूल के बच्चे ही बैठेंगे। ऐसी परिस्थितियों में कॉलेज के संचालन में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
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