शैक्षणिक भ्रमण : “जिस शिक्षा में प्रयोग नहीं, वह अधूरी, और जिसमें अनुभव नहीं, वह खोखली है” - शिक्षाविद डॉ. संजय गुप्ता

पुस्तकीय ज्ञान को प्रयोग के द्वारा सिद्ध कर अपने ज्ञान को संतुष्टता प्रदान करना ही एक अच्छे विद्यार्थी का उद्देश्य:- डॉक्टर संजय गुप्ता

शैक्षणिक भ्रमण का विद्यालय में बहुत महत्व है। यह छात्रों को कक्षा से बाहर जाकर वास्तविक दुनिया से जुड़ने और विभिन्न विषयों को व्यावहारिक रूप से सीखने का अवसर प्रदान करता है। शैक्षणिक भ्रमण छात्रों के ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण को विकसित करने में मदद करते हैं, जिससे उनकी समग्र शिक्षा में सुधार होता है।

 “ज्ञान जब प्रयोग से जुड़ता है, तब जाकर बनता है श्रेष्ठ विद्यार्थी”:- डॉ संजय गुप्ता

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 सीपेट कोरबा के प्रयोगशालाओं में जाकर विद्यार्थियों ने देखा तकनीकी ज्ञान का वास्तविक स्वरूप

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इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों को शैक्षणिक भ्रमण हेतु ले जाया गया सीपेट, विद्यार्थियों ने जाना पेट्रो रसायन इंजीनियरिंग के बारे में विस्तार से

 

सीपेट कोरबा शैक्षणिक संस्थान का भ्रमण कर प्रफुल्लित हुए इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थी, प्लास्टिक इंजीनियरिंग के क्षेत्र में करियर की अपार संभावनाओं से वाकिफ हुए

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हमारे दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली हर दूसरी वस्तु प्लास्टिक - फाइबर की , अतः क्षेत्र में करियर के अपार संभावनाएं हैं, इस बात में दो राय नहीं - डॉक्टर संजय गुप्ता

दीपका - कोरबा //
शैक्षणिक भ्रमण का विद्यालय में बहुत महत्व है। यह छात्रों को कक्षा से बाहर जाकर वास्तविक दुनिया से जुड़ने और विभिन्न विषयों को व्यावहारिक रूप से सीखने का अवसर प्रदान करता है। शैक्षणिक भ्रमण छात्रों के ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण को विकसित करने में मदद करते हैं, जिससे उनकी समग्र शिक्षा में सुधार होता है। छात्र कक्षा में सीखी गई बातों को वास्तविक दुनिया में लागू करना सीखते हैं। उदाहरण के लिए, इतिहास के छात्र किसी ऐतिहासिक स्थल का दौरा करके उस समय के बारे में अधिक जान सकते हैं, या विज्ञान के छात्र किसी संग्रहालय या वैज्ञानिक संस्थान में जाकर वैज्ञानिक अवधारणाओं को समझ सकते हैं। शैक्षणिक भ्रमण छात्रों को विभिन्न प्रकार के कौशल विकसित करने में मदद करते हैं, जैसे कि समस्या-समाधान, टीम वर्क, संचार और आलोचनात्मक सोच। 
शैक्षणिक भ्रमण छात्रों को नए विषयों और क्षेत्रों में रुचि लेने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। यह छात्रों को भविष्य में अपने करियर और रुचियों के बारे में अधिक जानने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है। छात्रों को अपने सहपाठियों और शिक्षकों के साथ मजबूत संबंध बनाने में मदद करते हैं। यह छात्रों को एक टीम के रूप में काम करने और एक-दूसरे का समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित करता है। शैक्षणिक भ्रमण छात्रों को आजीवन यादें बनाने का अवसर प्रदान करते हैं। ये यात्राएं छात्रों को नए दोस्त बनाने, अपने सहपाठियों के साथ संबंध बनाने और ऐसी यादें बनाने का अवसर प्रदान करती हैं जो जीवन भर उनके साथ रहेंगी। शैक्षणिक भ्रमण छात्रों के लिए एक मूल्यवान अनुभव हो सकता है, जो उनके सीखने, विकास और समग्र शिक्षा में सुधार कर सकता है। 
 इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के कक्षा  10 वीं, 11वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों को सिपेट कोरबा शैक्षणिक भ्रमण हेतु ले जाया गया। इस शैक्षणिक भ्रमण में विद्यार्थियों के साथ भौतिक विज्ञान शिक्षक श्री नरेंद्र कौशिक सर, श्री उत्कर्ष सर एवं  खेल प्रशिक्षिका सुश्री शिप्रा मैडम साथ में थीं। सभी विद्यार्थियों को सिपेट कोरबा में उपलब्ध सभी कोर्सों की जानकारी दी गई साथ ही पेट्रोल रसायन  इंजीनियरिंग के क्षेत्र में करियर पर भी विस्तार से चर्चा की गई। विद्यार्थियों की प्रत्येक जिज्ञासाओं का समाधान डॉक्टर दिवेश मेश्राम एवं श्री रजनीश पांडे सर ने किया।सभी विद्यार्थियों को पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से  सीपेट में कैरियर एवं संभावनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दे गई। प्लास्टिक इंडस्ट्री का हमारे दैनिक जीवन में कितना योगदान है इसकी भी चर्चा विस्तार से की गई साथ ही  विभिन्न प्रकार के प्रैक्टिकल मॉड्यूल के भी जरिए विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं को शांत करने का प्रयास किया गया। सभी विद्यार्थियों ने बारी - बारी से अपने मन में उठ रहे सवालों का जवाब पाया। सभी विद्यार्थियों को सिपेट कोरबा के संपूर्ण परिसर का भ्रमण करवाया गया और प्रत्येक ब्लॉक एवं उसके कार्य के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
 डॉक्टर  दिवेश पांडेय ने कहा कि सिपेट (CIPET) का पूरा नाम सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (केंद्रीय पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एवं तकनीकी संस्थान) है। यह एक प्रमुख राष्ट्रीय संस्थान है जो प्लास्टिक इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शिक्षा, प्रशिक्षण, अनुसंधान और तकनीकी सहायता प्रदान करता है। सिपेट, रसायन और उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार के तहत काम करता है। सिपेट की स्थापना 1968 में हुई थी और इसका मुख्य उद्देश्य प्लास्टिक उद्योग के लिए कुशल जनशक्ति का विकास करना है। सिपेट देश भर में 40 से अधिक केंद्रों के साथ काम कर रहा है और विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रम, प्रशिक्षण कार्यक्रम और अनुसंधान गतिविधियाँ प्रदान करता है। 

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श्री रजनीश पांडेय जी ने कहा कि CIPET (सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी) प्लास्टिक इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक लोगों के लिए एक उत्कृष्ट संस्थान है। CIPET विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रम प्रदान करता है, जैसे कि डिप्लोमा, स्नातक (बी.टेक), स्नातकोत्तर (एम.टेक) और पीएचडी, जो छात्रों को प्लास्टिक उद्योग में सफल होने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करते हैं। CIPET में अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में भी कई अवसर उपलब्ध हैं, जहां छात्र प्लास्टिक उद्योग में नवीनतम तकनीकों और प्रक्रियाओं पर काम कर सकते हैं।CIPET अपने छात्रों के लिए उत्कृष्ट प्लेसमेंट अवसर प्रदान करता है। CIPET के छात्रों को बहुराष्ट्रीय और राष्ट्रीय कंपनियों द्वारा भर्ती किया जाता है, जो प्लास्टिक उद्योग में विभिन्न पदों पर काम करते हैं। आने वाले समय  में इस क्षेत्र में स्वर्णिम संभावनाएं हैं,इस बात मेंकोई दो राय नहीं है।
 विद्यालय के हेड बॉय मास्टर अमन मोर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह शैक्षणिक भ्रमण वास्तव में हमारे पुस्तकीय ज्ञान और व्यवहारिक ज्ञान के सामंजस्य को मजबूती प्रदान करता है। हमने इस शैक्षणिक भ्रमण से बहुत कुछ सीखा ।हमने जाना कि सिपेट में भी अपार संभावनाएं हैं। आज प्रत्येक वस्तुएं हमें प्लास्टिक की ही बनी हुई दिखती हैं ,न सिर्फ हमारे किचन में बल्कि हमारे मोटरसाइकिल में भी अधिकांश पार्ट्स  हमें  प्लास्टिक ,फाइबर के ही नजर आते हैं। हमने सिपेट के पूरे शैक्षणिक परिसर का भ्रमण किया। यहां के स्टाफ ने भी हमारी हर शंकाओं का बहुत बारीकी से समाधान किया। हम उनका हृदय से धन्यवाद करते हैं।
 प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने कहा कि हमारे विद्यालय का यही उद्देश्य है कि हम विद्यार्थियों को पढ़ाई गई सभी बातों को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव भी कराएँ।हम समय-समय पर विद्यार्थियों को इस प्रकार के उत्कृष्ट शिक्षण संस्थाओं का भ्रमण कराते ही रहते हैं ताकि वह अपने पुस्तकीय ज्ञान को अपने  दैनिक कार्य व्यवहार के साथ जोड़ सके। CIPET स्वयं में एक स्थापित संस्था है,आज प्लास्टिक इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भी अपार संभावनाएं हैं। यदि गौर करें तो हमारे दैनिक उपयोग में आने वाले हर दूसरे वस्तु में हमें प्लास्टिक नजर आती है। प्लास्टिक इंडस्ट्री अर्थव्यवस्था में अग्रणी योगदान कर्ताओं में से एक है। यह रोजगार के बेहतरीन अवसर प्रदान करती है। विद्यार्थियों को पढ़ी हुई बातों को अपने जीवन के साथ जोड़कर आगे बढ़ाना आवश्यक होता है, और यह शैक्षिक भ्रमण सिपेट कोरबा में इस बात को साबित करती है। यहां के सभी स्टाफ का भी भरपूर सहयोग मिला उनका भी हृदय से आभार।

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