बच्चों का भविष्य गढ़ता आंगनबाड़ी केन्द्र गुदगुदा

बच्चों का भविष्य गढ़ता आंगनबाड़ी केन्द्र गुदगुदा

धमतरी । आंगनबाड़ी केंद्र में जिस तरह से छोटे-छोटे बच्चे और गर्भवती महिलाओं को पोषण, स्वास्थ्य तथा मातृत्व शिक्षा सेवाएं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा पूर्ण निष्ठा व ईमानदारी से प्रदान करती है वास्तव में यह बड़ा सराहनीय कदम है। आंगनबाड़ी केंद्र एक सरकारी संगठन है जिसमें तीन से छै साल तक के बच्चों किशोरी बालिकाओं और […]

धमतरी । आंगनबाड़ी केंद्र में जिस तरह से छोटे-छोटे बच्चे और गर्भवती महिलाओं को पोषण, स्वास्थ्य तथा मातृत्व शिक्षा सेवाएं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा पूर्ण निष्ठा व ईमानदारी से प्रदान करती है वास्तव में यह बड़ा सराहनीय कदम है। आंगनबाड़ी केंद्र एक सरकारी संगठन है जिसमें तीन से छै साल तक के बच्चों किशोरी बालिकाओं और महिलाओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हैं, यही कारण है कि छोटे बच्चों के प्रतिमान से गांव में आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण करते हैं। इन केंद्रों में बच्चों की आधारशिला को मजबूत बनाने के लिए राजा-रानी, दादा-दादी, नाना-नानी, बंदर मामा, चंदा मामा की कहानी सुनाना, बाल कविता के माध्यम से शिक्षा देना, खेल-खेल में शिक्षा जैसी अनेक मनोरंजन से संबंधित गतिविधियों को बच्चों के व्यवहार में शामिल करते हैं।जिला मुख्यालय से महज 35 किलोमीटर की दूरी में ग्राम पंचायत गुदगुदा स्थित है। वित्तीय वर्ष – 2021-22 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत राशि- 6 लाख 45 हजार रुपए एवं महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा अभिसरण मद की राशि- 1 लाख 45 हजार रुपए की लागत से आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण किया गया। रचनात्मक दृष्टिकोण से देखें तो अन्य केंद्रों की अपेक्षा आंगनबाड़ी केंद्र गुदगुदा एक आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में कहानी को बयां कर रही है । इस आंगनबाड़ी में अब शतप्रतिशत बच्चों की उपस्थिति रहती है। इस आंगनबाड़ी केंद्र की खासियत यह है कि इसके दीवारों पर बने आकर्षक कार्टून बच्चों और पालकों को सम्मोहित करते हैं।आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती-तारिणी साहू बताती हैं-बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा और आकर्षक चित्रों से बने आंगनबाड़ी केंद्र ने नये रूप में बड़ा बदलाव ला दिया है। खेल-खेल में शिक्षा अ आ इ ई उ ऊ तथा बारह खड़ी की गिनती सीखते हैं। अब तो बच्चे के अभिभावक इस केंद्र में निश्चित होकर पढ़ने के लिए भेजते हैं क्योंकि यहां उन्हें उचित शिक्षा के साथ देखभाल किया जाता है।कु. लालिमा निषाद की मां श्रीमती-सेवती निषाद बताती हैं-अपने साढ़े तीन वर्ष की बेटी लालिमा को हर रोज आंगनबाड़ी केंद्र छोड़ने आती है। आंगनबाड़ी केंद्र को बच्चे का दूसरा घर कहती हैं। चांवल, दाल, हरी सब्जी, रेडी टू ईट का हलवा, पोहा मीनू अनुसार प्रति दिवस पौष्टिक आहार के रुप में देते हैं।कु.काव्या यादव की मां श्रीमती-खिलेश्वरी यादव ने बताया कि-आंगनबाड़ी केंद्र में सुविधाएं बेहतर हुई है। इसलिए मेरे बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र जाना बहुत पसंद करते हैं।ग्राम पंचायत सरपंच श्री-घनश्याम साहू ने बताया कि-आंगनबाड़ी केंद्र महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एवं महिला बाल विकास विभाग के अभिसरण से बनाया गया है। बच्चों के बीच प्रारंभिक शिक्षा के साथ पोषण स्तर में सुधार लाया गया। इससे मातृ एवं शिशु पोषण स्तर में सुधार आया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा बच्चों को पढ़ाई के अलावा विभिन्न खेलकूद के माध्यम से सिखाया जाता है।

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